Tuesday, June 5, 2007

आग्रह पत्र : अभ्यानंद जी और अनंद कुमार जी के लिए.


आदरणीय अभ्यानंद जी और अनंद कुमार जी, सादर प्रणाम।

मैं आज तक आपसे कभी मिला नही हूँ लकिन अपने जीवन मैं आप दोनो के दर्शन करने कि अभिलाषा ज़रूर रखता हूँ।
आप लोगो कि निस्वार्थ सेवा भावना और सामाजिक उतरदाईत्व से शायद ही कोई संवेदनशील बिहारी वंचित हो।

जब यह खबर लगी कि आप लोगो द्वारा शुरू किया हुआ, समकालीन बिहार का प्रेरणा का एक मात्रा श्रोत सुपर-३०, अब बंद होने वाला है तो ऐसा लगा जैसे बिहार जागने से पहले फिर से सो गया। शायाद आपको ज्ञात नही कि आप दोनो कितने ही स्वाभिमानी और प्रगतिशील बिहारियो के लिए प्रेरणा पात्र हैं। आज के समय मैं जहा लोग अपने थोड़े से फ़ायदे के लिए अपनी इमानदारी और मनुष्यता को ताक पेर रख देते हैं वही आप जैसे लोग आपनी निस्वार्थ लोक कल्याण कि भावना से ना जाने कितने ही प्रतिभावान विद्यार्थियों को उनकी मंज़िल तक पंहुचा ने मे कामयाब हुए हैं। आप दोनों को मेरा शत शत नमन है।

यह मेल आप के पास इस लिए लिख रह हूँ ताकी मैं ये बता सकू कि मैं और मेरे जैसे कितने ही स्वाभिमानी और संवेदनशील बिहारी इस तरह कि खबरो से अत्यन्त दुःखी है। आप जो भी फैसला ले सुपर-३० को लेकर हमलोगो का स्नेह और आदर आप जैसे गुरुओ के लिए सदेव ही बाना रहेगा। आप ने जो राह दिखायी है सच्चाई और इमानदारी से अपना कर्तव्य निभाने कि वो हमारे जीते जी हमारा मार्गदर्शन करेगी। बिहार कि युवा पीढ़ी अब जब तक आपनी मातृभूमि को निहाल नही कर देती चैन से नही बैठेगी।

जो लोग आपके विरोधी हैं और अपने थोड़े से फ़ायदे के लिए इतने नीचे गिर चुके हैं वो बिहारियो के नाम पर दाग हैं। इश्वर ऐसे लोगो को देर सवेर दण्ड ज़रूर देगा। मैं इस तरह के अपराध को ना जाने कितने ही प्रतिभावान गरीब बच्चो के भविष्य का ख़ून करने के समान मानता हूँ।

इस वक़्त अमेरिका के एक होटल से आपको ये मेल लिख रहा हूँ। मन दुःखी है लकिन दिल के किसी कोने मैं विश्वास है कि आप लोग फिर से एक बार नयी उर्जा से नए बिहार कि ही नही बल्की एक नए भारत कि नीव डालेंगे।

इस मेल का एक मात्रा मकसद आपके सराहनीय कार्य के प्रति आभार प्रकट करना है। इस दुविधा और दुःख के समय मेरे मित्र और मैं आपके साथ हैं। मीलों दूर रहकर अगर इतना भी नही कर सके आपके लिए तो ऐसी ज़िन्दगी का कोई अर्थ नही है। हमे यकीं है आप लोग इस दुविधा कि घड़ी से जल्दी ही बहर आएंगे और बिहारी युवा पीढी का मार्ग दर्शन करेंगे.

आपका बिहारी प्रशंशक़
अशोक शर्मा
अपने बहुत सारे बिहारी yahoogroup के मित्रों के साथ.

4 comments:

Anonymous said...

Excellent!!!

Hope they will accept our request

With best wishes for Bihar
Vivek

Vikash said...

एक सुलझा हुआ आग्रह पत्र लिखने के लिए आपको धन्यवाद। बहुत सारे लोगों के भावनाओं को आपने अपने शब्दों से परोसा है।

अनुनाद सिंह said...

सही है, अभयानन्द जी और आनन्द जी जैसे लोगों के 'सुपर-३०' जैसे कार्यों से ही तो प्रेरणा रूपी उर्जा मिलती है। ऐसे ही कार्यों से प्रेरणा लेकर और भी लोग 'आत्मनो मोक्षार्थं जगत् हिताय च'(अपने मोक्ष तथा संसार के हित के लिये) का लक्ष्य अपने सामने रखते हैं। ऐसे ही कार्यों के श्रवण मात्र से आशा की फसल लहलहाने लगती है।

Anonymous said...

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