Thursday, May 31, 2007

कविता - दस्तक


दोस्तो कुछ पंक्तिया लिखी हैं,
आशा है आपको पसंद आएँगी।


दस्तक
ना जाने क्यो ये मन आज उदास है,
क्यो उसकी यादें बिना दस्तक दिए चली आती हैं।
उसे भूलाने कि सारी कोशिशें नाकाम हो गयी हैं,
अब मेरी भी गमो से अच्छी पहचान हो गयी है।
***

ऐसा लगता है जैसे कल ही कि बात हो,
उसका लड़ना उसका झगड़ना .
उसकी वो हँसी.... और उसका वो प्यार करना,
मेरे नाम से अपना नाम जोड़ना।
साथ जीने मरने कि कस्मे भी खायी थी,
ज़िंदगी से मेरे पहचान उसी ने करवायी थी।
लकिन उसने मेरा साथ छोड़ दिया,
अपना क्या हुआ वादा भी तोड़ दिया.
***
मैंने भी इस दुनिया को छोड़ दिया होता,
तुमसे किया हुआ वादा थोड़ दिया होता।
लकिन एक बार फिर तुम्हारी हँसी सुनायी दी है,
अंधरे मैं एक राह दिखायी दी है।
लकिन तुमने मेरा साथ क्यो छोड़ा,
जाओ मैं तुमसे बात नही करता।
अब कभी मेरे खयालो मैं मत आना,
तुमने मेरे प्यार को कभी नही जाना।
***
अरे .... मेरे इन आँखों को क्या हुआ,
इन्होने कभी रोना नही सीखा,
फिर आज क्यो मेरी आंखें नम हैं,
शायद तुम्हे न देख पाने का इन्हें गम है।
सुबह से अब शाम होने को आयी है,
सारे कमरे मैं एक आजीब सी खामोशी छायी है।
अब सोचता हू कि उठु और कुछ काम करु,
लकिन एक बार फिर तेरी याद चली आयी है।
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Tuesday, May 15, 2007

एहसास

हिंदी मैं ब्लोग्गिंग आसान होने से मैंने सोचा कि मैं अपनी लिखी हुई कुछ कविताओं को आप सब के समक्ष रखू।

मेरे पहली कविता : शीर्षक -> एहसास

अभी अभी कुछ देर पहले मुझे ऐसा एहसास हुआ है।
की यही उनकी आँचल कि खुशबू है ......
जिसके साये में मुझे उमर भर रहना है।
की यही उनकी कदमो कि आहट है .....
जिसके साथ साथ मुझे उमर भर चलना हैं।
इस समय मेरे कमरे मैं खामोशी है...
लकिन अभी अभी कुछ देर पहले मुझे ऐसा एहसास हुआ है ।
*****
उनकी वो मासूमियत भरी बातें....
मैं कई सदियों तक सुन सकता हूँ ।
उनकी वो बहुत खूबसूरत सी आँखें...
जिनको मैं आपना ताजमहल कह सकता हूँ।
आज ज़िंदगी तो हाथो से छुआ है मैं...
जबसे उनके हाथो को अपने हाथो मैं लिया है मैंने।
इस वक़्त मेरे दोनो हाथ खाली हैं॥
लकिन अभी अभी कुछ देर पहले मुझे ऐसा एहसास हुआ है.
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मेरा पहला हिंदी ब्लोग लेख

मेरा हिंदी मैं पहला ब्लोग।
हिंदी ब्लोग्गिंग कि दुनिया मैं आपका स्वागत है.